श्रीरामचरितमानस की चौपाईयां|| बाल संस्कार हेतु ||
बंदऊँ गुरु पद पदुम परागा।
सुरुचि सुबास सरस अनुरागा॥
अमिअ मूरिमय चूरन चारू।
समन सकल भव रुज परिवारू॥
महाबीर बिनवउँ हनुमाना।
राम जासु जस आप बखाना॥
महाबीर बिनवउँ हनुमाना।
राम जासु जस आप बखाना॥
जपहिं नामु जन आरत भारी।
मिटहिं कुसंकट होहिं सुखारी॥
प्रातकाल उठि कै रघुनाथा।
मातु पिता गुरु नावहिं माथा॥
नित्य क्रिया करि गुरु पहं आये |
चरण सरोज सुभग सिर नाये ||
अनुज सखा सँग भोजन करहीं।
मातु पिता अग्या अनुसरहीं।।